ज़िन्दगी है जागती आँखों के सपनों का सफ़र

ज़िन्दगी है जागती आँखों के सपनों का सफ़र झील में ज्यों झिलमिलाते चाँद-तारों का सफ़र   उम्र भर रौशन किए अश्क़ों से लफ्ज़ों के चिराग़ इस तरह से तय किया है हमने गीतों का सफ़र   शहर से जब भी हम अपने गाँव लौटे यूँ लगा करके तय आए हों घर जैसे कि सदियों का … Continue reading ज़िन्दगी है जागती आँखों के सपनों का सफ़र